ज्ञानवापी सर्वे पर नजर,न्यायपालिका पर विश्वास :कल्बे रूशैद

जौनपुर, 15 मई (वार्ता) जाने माने इस्लामिक विद्धान मौलाना डॉ.सैयद कल्बे रूशैद रिजवी ने कहा कि किसी के बहकावे में आये बगैर वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर नजर रखने की जरूरत है और हर किसी को न्यायपालिका पर पूरा ऐतबार करना चाहिये।डा रिजवी ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा “ जो हो रहा है उस पर नजर बनाये रखें किसी के बहकावे में न आयें। मुल्क में अमन शांति बनाये रखना हम सबका फर्ज है। हम हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तानी मरते दम तक रहेगें। ऐसे में राजनीतिक शुगूफों से बचने की जरूरत है पर उस पर नजर बनाये रखना हमारा फर्ज है। हमारा देश संविधान से चलता है और संविधान से ही चलता रहेगा मोमोक्रेसी से नहीं चलेगा।”बाजार भुआ मुहल्ले में मजलिस को खेताब करने के बाद उन्होने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखकर ये बात दुनिया को बता दी थी कि हमारा देश सेकुलर देश है। यहां सभी धर्म और मजहब के मानने वाले लोग आजादी के साथ अपने धर्मों के प्रति समर्पित रहकर समाज व देश की सेवा करते रहेगें। आज जिस तरह से मुल्क के हालात राजनीति के चलते खराब हो रहे हैं, वो चिंता का विषय है पर हमें अपने देश के संविधान व न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। जब कोई भी सरकारें संविधान से हटकर कार्य करती हैं तो लोग न्यायालय की शरण में जाते हैं और हमारे देश की न्यायपालिका ने हमेशा संविधान को सामने रखकर अपना फैसला सुनाया है इसलिए आज भी लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा है।उन्होने कहा कि हिंदुस्तान लाखों धागों से मिली हुई इज्जत की चादर है , जो हम सभी के सरों की हिफाजत करता चला आ रहा है, यदि लोगों ने अपनी अपनी मर्जी का एक एक धागे निकालने शुरू कर दिये तो उन्हें धागा तो मिल जायेगा पर चादर तार तार हो जायेगी इसलिए हुकूमत व देश के नागरिकों को चाहिए कि अपनी अपनी मर्जी के मुताबिक फैसले न लें बल्कि कानून व संविधान जो कहता हो उसको मानें तभी हमारा देश विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाये रखेगा।डा रिजवी ने कहा कि वर्तमान समय में हर तीन महीने पर कोई न कोई एक एजेंडा बाहर निकलता है और उसपर बहस शुरू होती है पर हमें उस वक्त तक इसपर निगाह बनाये रखने की जरूरत है जबतक हमें इससे कोई नुकसान न उठाना पड़े।

Source: http://www.univarta.com/eye-on-gyanvapi-survey-trust-in-judiciary-kalbe-rusaid/uttar-pradesh/news/2732833.html